आज के जमाने में लोगों को अचानक से पैसों की जरूरत पड़ जाता है, तो ऐसे में सबसे पहले पर्सनल लोन लेने का ख्याल आता है। यह लोन आसानी से और जल्दी इंस्टैंट कैश मिल जाता है, इसलिए ज्यादातर लोग पर्सनल लोन लेना पसंद करते है, लेकिन एक बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, कि पर्सनल लोन की ब्याज दरें बहुत ज्यादा होता हैं। मतलब 1 लाख के लोन रकम में 30 से 35 हजार ब्याज देना पड़ता है। जिसके करण लोग लोन तो ले लेते है, मगर समय पर इसकी किश्तें नहीं दे पाते, इस कारण अगर आप लोन न चुका पाए, तो यह बहुत बड़ी परेशानी का कारण बन सकता

है।

 

देखिए, पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है, मतलब इसमें किसी प्रकार की गारंटी या फिर किसी प्रकार की संपत्ति को गिरवी रखने की जरूरत नहीं होता। इस कारण बैंको के लिए ज्यादा जोखिम भरा रहता हैं। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति इसे समय पर नहीं चुका पाता है, तो बैंक को भारी पैसों की नुकसान होता है। और अगर बैंक को नुकसान होगा, तो बैंक कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।

 

 

• लोन नहीं चुकाने पर क्या हो सकता है?

 

देखिए, अगर कोई व्यक्ति “पर्सनल लोन” ले लेता है, और लोन की किश्तें नहीं भर पाता है, तो उस व्यक्ति के खिलाफ कई अलग अलग प्रकार की कानूनी कार्रवाइयां हो सकता हैं।

 

जैसे कि –

• बैंक ग्राहक के खिलाफ कोर्ट में केस कर सकता हैं।

• संपत्ति जब्त – कोर्ट के आदेश से लोन लेने वाले उस व्यक्ति की संपत्ति को जब्त किया जा सकता है।

• क्रेडिट स्कोर खराब होना – लोन न चुकाने से क्रेडिट स्कोर खराब हो जाएगा, और स्कोर नीचे गिर जाएगा। और इस स्तिथि में उस व्यक्ति को भविष्य में लोन नहीं दिया जा सकता।

• धारा 420 – अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर लोन के ब्याज नहीं भर पाता, तो उस पर IPC की धारा 420 धोखा धडी का केस भी दर्ज हो सकता है।

 

 

• क्रेडिट स्कोर कम होने पर लोन मिलना मुश्किल क्यों होता है?

 

अगर कोई भी ग्राहक अपने पर्सनल लोन की किश्तें नहीं चुकाता है, तो उसका नाम क्रेडिट ब्यूरो मतलब CIBIL में डिफॉल्टर की केटेगरी में दर्ज हो जाता है। और फिर उसको फ्यूचर में दोबारा लोन मिलना मुश्किल हो जाता है।

 

 

• बैंक लोन की वसूली कैसे करता है?

 

देखिए, जब व्यक्ति लोन चुका नहीं पता है, तो इस स्तिथि में बैंक वसूली के लिए कई तरीके अपनाते हैं जैसे कि –

 

• रिकवरी एजेंसियों की मदद से – बैंक ऐसे मामलों में “रिकवरी एजेंट्स” को ग्राहकों के घरों तक भेजते है, जो व्यक्ति से लोन की पैसों को वसूलने की कोशिश करते हैं।

• लगातार कॉल करना और नोटिस भेजना– डिफॉल्टर लोनर को बार-बार हर घंटे कॉल करके और नोटिस भेजकर भुगतान करने के लिए कहा जाता है।

 

 

• RBI के नियम

 

ग्राहकों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के द्वारा, लोन वसूली को लेकर कुछ नए दिशा-निर्देश बनाया गया है। ये नियम कुछ इस तरह से है :-

 

• बैंक को वसूली में भेजने से पहले ग्राहक को सूचित करना अनिवार्य है।

• किसी भी ग्राहक के साथ अपमानजनक या डराने वाला व्यवहार या फिर जोर जबरदस्ती नहीं किया जा सकता है।

• और लास्ट निर्देश ये है कि लोन वसूली की प्रोसेस को इज्जत और नियमों के अनुसार होना चाहिए।

 

 

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