जावेद अख़्तर के 10 मशहूर शेर / 10 famous Sher of Javed Akhtar
ज़रा सी बात जो फैली तो दास्तान बनी
वो बात ख़त्म हुई दास्तान बाक़ी है
बंध गई थी दिल में कुछ उम्मीद सी
ख़ैर तुम ने जो किया अच्छा किया
जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता
मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता
ऊँची इमारतों से मकाँ मेरा घिर गयाकुछ लोग
मेरे हिस्से का सूरज भी खा गए
धुआँ जो कुछ घरों से उठ रहा है
न पूरे शहर पर छाए तो कहना
मुझे मायूस भी करती नहीं है
यही आदत तिरी अच्छी नहीं है
तुम ये कहते हो कि मैं ग़ैर हूँ फिर भी
शायदनिकल आए कोई पहचान ज़रा देख तो लो
तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थेअब मिलते
हैं जब भी फुर्सत होती है
डर हम को भी लगता है रस्ते के सन्नाटे सेलेकिन
एक सफ़र पर ऐ दिल अब जाना तो होगा